Vivek Deshwal
Emotion
Monday, November 12, 2018
गुस्ताखियाँ
ये आँखें तुम्हारी कुछ ख़ता कर गई,दिल में हमारे यूँ जगह कर गई...
बढ़ गई है धड़कने देखकर तुम्हें,जब आँखें यूँ आँखों से वफ़ा कर गई...
Sunday, November 11, 2018
चाहत
मैं एक दरिया हूँ तेरी आँखों के समन्दर में मिल जाने दे मुझे...
जब चाहोगी निकल जाऊँगा बस कुछ पल ठहर जाने दे मुझे..
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Thursday, November 1, 2018
समझ
जो तुम्हारी खामोशियों को ना समझ पाये वो प्यार क्या...
जो भरी महफ़िल में रुसवा करदे वो यार क्या...
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