धागा ख़त्म हो गया मन्नतों का तुझे मांगते मांगते,
अब धड़कने बाँध आया हूँ तेरे नाम की...
Emotion
तेरे पैमाने में भी वो जाम नहीं साक़ी.
जो मेरे माशूक की निगाहों में है...
मेरा इश्क एक शाम का नही है,तेरी तन्हाइयों में बेनाम सा नही है...
तू मुक्कमल जहां है मेरा,तेरे बिना कोई अरमान नही है...
तेरी चाहत में तन्हाई हर रात मिलेंगी...
तेरी यादों से रिहाई मौत के बाद मिलेगी...
तुझे भी रुसवाई मेरे बाद मिलेगी...