Tuesday, December 29, 2015
Sunday, October 18, 2015
जो तेरे इश्क़ मे हस्ती को मिटा देता है,
उस को रह रह के तेरा दर्द मज़ा देता है...
उस को रह रह के तेरा दर्द मज़ा देता है...
Thursday, September 3, 2015
Monday, August 17, 2015
Tuesday, July 28, 2015
Thursday, July 16, 2015
मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हीरे मोती बैलों के गले में जब घुँगरू, जीवन का राग सुनाते हैं गम कोस दूर हो जाता है, खुशियों के कंवल मुसकाते हैं सुन के रहट की आवाज़े यूँ लगे कही शहनाई बजे आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे जब चलते हैं इस धरती पे हल, ममता अंगडाईयाँ लेती है क्यो ना पूजे इस माटी को जो जीवन का सुख देती है इस धरती पे जिस ने जनम लिया, उसने ही पाया प्यार तेरा यहा अपना पराया कोई नही, है सब पे माँ उपकार तेरा ये बाग है गौतम नानक का, खिलते हैं अमन के फूल यहाँ गाँधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ रंग हरा हरीसिंग नलवे से, रंग लाल है लाल बहादूर से रंग बना बसंती भगतसिंग, रंग अमन का वीर जवाहर से...
Tuesday, June 30, 2015
Friday, June 26, 2015
Wednesday, June 10, 2015
Monday, February 16, 2015
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