Vivek Deshwal
Emotion
Sunday, November 26, 2017
जमाना
दिल तो दरिया था ज़माने ने तालाब बना दिया...
हमने फिर भी उसमे गुलाब लगा दिया...
ज़माने ने मिटा कर अपना मुकाम बना लिया...
Sunday, November 5, 2017
दुल्हन
चाँद की चांदनी को निहारते है हम...
अपनी यादों में तुमको संवारते है हम...
चली आओ दुल्हन बनकर...
अपनी यादों में यही पुकारते है हम...
चाँद की चांदनी...
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