Tuesday, April 8, 2014

“हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होताहै –यह कडुआ सच है.दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है.काम का निष्पादन करो ,परिणाम से मत डरो.सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है.ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ.व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं,ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ,वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे. सामान स्तर के मित्र ही सुखदाई होते हैं .”

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