Friday, July 28, 2017

समर्पण

तुम अपनी वफ़ा की इंतहा कर दो...
हम अपनी मोहब्बत की कर देंगे...
ये जिंदगी हसीन हो जाएगी...
जब हम दोनों समर्पण कर देंगे...

No comments: